जय जय आरती माँ ताप्ती तुम्हारी – ताप्ती जी की आरती
ताप्ती जी की हिंदी आरती जिसमे ताप्ती जी की महिमा का भी वर्णन किया गया हैं।

जय जय आरती माँ ताप्ती तुम्हारी, ताप्ती दयालु जनहित कारी।
पहली वंदना नारद गावे , कोढ़ व्याधि से मुक्ति पावे।
जय जयआरती माँ ताप्ती तुम्हारी , ताप्ती दयालु जनहित कारी।
दूसरी वंदना ऋषि गण गावे, अस्थि आदि छन में गलावे।
जय जय आरती माँ ताप्ती तुम्हारी , ताप्ती दयालु जनहित कारी।
तीसरी वंदना गंगा गावे, माँ ताप्ती से लोक यश पावे।
जय जय आरती माँ ताप्ती तुम्हारी , ताप्ती दयालु जनहित कारी।
चौथी वंदना यमुना गावे, चित्त में सर्वजन शांति पावे।
जय जय आरती माँ ताप्ती तुम्हारी, ताप्ती दयालु जनहित कारी।
पांचवी वंदना माँ हम सब गावे, सुख सम्पती धन धान्य पावे।
जय जय आरती माँ ताप्ती तुम्हारी, ताप्ती दयालु जनहित कारी।
जो माँ ताप्ती की आरती गावे, बस बैकुंठ परम पद पावे।
जय जय आरती माँ ताप्ती तुम्हारी, ताप्ती दयालु जनहित कारी।
ताप्ती जी की मराठी आरती
TAPTI JI KI AARTI: सूर्य पुत्री माँ ताप्ती जी की प्राचीन आरती और गौरवशाली इतिहास।