Laxmi Ji ki Arti: लक्ष्मी जी की आरती, ॐ जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता.

Laxmi Ji:-वह भगवान विष्णु की पत्नी हैं. पार्वती और सरस्वती के साथ, वह त्रिदेवियाँ में से एक है और धन, सम्पदा, शान्ति और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं. दीपावली के त्योहार में उनकी गणेश सहित पूजा की जाती है. जिनका उल्लेख सबसे पहले ऋग्वेद के श्री सूक्त में मिलता है.

Laxmi Ji ki Arti:- गायत्री की कृपा से मिलने वाले वरदानों में एक लक्ष्मी भी है. जिस पर यह अनुग्रह उतरता है, वह दरिद्र, दुर्बल, कृपण, असंतुष्ट एवं पिछड़ेपन से ग्रसित नहीं रहता. स्वच्छता एवं सुव्यवस्था के स्वभाव को भी ‘श्री’ कहा गया है. यह सद्गुण जहाँ होंगे, वहाँ दरिद्रता, कुरुपता टिक नहीं सकेगी.

श्री, लक्ष्मी के लिए एक सम्मानजनक शब्द, पृथ्वी की मातृभूमि के रूप में सांसारिक क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है, जिसे पृथ्वी माता के रूप में संदर्भित किया जाता है, और उसे भु देवी और श्री देवी के अवतार मानी जाती हैं.जैन धर्म में भी लक्ष्मी(Laxmi) एक महत्वपूर्ण देवता हैं और जैन मंदिरों में पाए जाते हैं. लक्ष्मी भी बौद्धों के लिए प्रचुरता और भाग्य की देवी रही हैं, और उन्हें बौद्ध धर्म के सबसे पुराने जीवित स्तूपों और गुफा मंदिरों का प्रतिनिधित्व किया गया था.

Laxmi Ji ki Arti
Source : Google

-: लक्ष्मी जी की आरती | Laxmi Ji ki Arti :-

ॐ जय लक्ष्मी माता,मैया जय क्ष्मी माता.

तुमको निशदिन सेवत,हरी विष्णु विधाता..

ॐ जय लक्ष्मी माता

उमा,रमा,ब्रम्हाणी,तुम ही जग-माता.

सूर्य-चंद्रमा ध्यावत,नारद ऋषि गाता ..

ॐ जय लक्ष्मी माता

दुर्गा रूप निरंजनी,सुख सम्पति दाता.

जो कोई तुमको ध्यावत,ऋद्धि-सिद्धि धन पाता..

ॐ जय लक्ष्मी माता

यह भी पढ़े :-Ganesh Ji ki Arti: श्री गणेश जी की आरती,जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा .

तुम पाताल-निवासिनि,तुम ही शुभदाता.

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी ,भवनिधि की त्राता..

ॐ जय लक्ष्मी माता...

जिस घर में तुम रहतीं,सब सद्गुण आता.

सब संभव हो जाता,मन नहीं घबराता..

ॐ जय लक्ष्मी माता

तुम बिन यज्ञ न होते,वस्त्र न कोई पाता.

खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता ..

ॐ जय लक्ष्मी माता

यह भी देखे:-Ganesh Ji ki Arti: श्री गणेश जी की आरती,जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा .

शुभ-गुण मंदिर सुन्दर .क्षीरोदधि जाता .

रत्न चतुर्दश तुम बिन,कोई नहीं पाता..

ॐ जय लक्ष्मी माता

महालक्ष्मीजी की आरती,जो कोई नर गाता.

उर आनंद समाता,पाप उतर जाता..

ॐ जय लक्ष्मी माता

Related Articles

Back to top button